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होली पर निबंध आसान शब्दो मे
- प्रस्तावना
- होली क्यों मनाई जाती है
- होलिका दहन
- होली की तैयारी
- होली कब मनाई जाती है
- भारत की प्रसिद्ध होलिया
- उपसंहार
प्रस्तावना – होली का त्यौहार भारत में मनाया जाने वाला एक रंगो का त्यौहार है यह त्यौहार भारतीय परंपरा में सबसे बड़े त्योहारों में से एक त्यौहार माना जाता है संपूर्ण भारत में होली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
होली का त्यौहार ना कि भारत में अपितु यह त्यौहार और भी कई सारे देशों में मनाया जाता है जहां पर हिंदू निवास करते हैं वैसे तो यह त्यौहार हिंदू के अलावा और भी कई सारी संस्कृतियों द्वारा मनाया जाता है इस त्यौहार का उद्देश्य रंगों के रूप में खुशियों को फैलाना है।
होली रंगों का त्योहार है जिसे होलिका दहन करने के बाद अलग-अलग प्रकार के रंगों से मनाया जाता है सभी धर्मों के लोग अपने धर्मों से आगे बढ़कर यह त्यौहार काफी उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं यहां एक ऐसा त्यौहार है जिसमें रंगों के माध्यम से खुशियां और प्यार को फैलाया जाता है।
रंगो के त्यौहार होली में सभी संप्रदाय जाति धर्म के बंधन को खोलकर अपने भाईचारे का संदेश देते हैं और होली के अवसर पर सभी लोग अपने पुराने सभी वादों को भूल कर सभी को गले लगाते हैं गुलाल लगाते हैं और गले मिलते हैं।
Holi Essay in Hindi 2022-23
यह त्यौहार का उत्साह लगभग सभी उम्र के लोगों में दिखाई देता है लेकिन बच्चे और युवाओं में इस त्यौहार की उत्सुकता कुछ ज्यादा दिखाई देती है होली के त्यौहार से 1 दिन पहले होलिका दहन की जाती है होलिका दहन के पीछे कई सारे पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई है।
होली क्यों मनाई जाती है – होली मनाने के पीछे बहुत से पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है जिसमें होलिका दहन और होली मनाने के बारे में जानकारी मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था और जिसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलीका था होलीका जो हिरण्यकश्यप की बहन थी उसे आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था।
हिरण्यकश्यप राक्षस का 1 पुत्र था और उसका नाम प्रहलाद था प्रहलाद भगवान विष्णु का भक्त था और भगवान विष्णु की उपासना करता था और भगवान विष्णु का उपवास रखता।
भक्त प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप स्वयं को ही भगवान मानते थे और वे सभी को कहते हैं कि सभी लोग उन्हीं की पूजा करें हिरणकश्यप के डर और भय से सारे लोग तो हिरणकश्यप की पूजा करने लग गए थे लेकिन उनका खुद का पुत्र ही उनकी पूजा नहीं करता था वहां भगवान विष्णु को पुुुुजता था और उन्हें भगवान मानता था और वहां अपने पिता का विरोधी था ।
होली पर निबंध
हिरण्यकश्यप ने पुत्र प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति करने से बहुत रोका लेकिन वह नहीं माना इसलिए हिरण्यकश्यप ने निर्णय लिया कि उसे बहन होलिका के साथ में दहन कर दिया जाए और जला दिया जाए ( बहन होलिका को यह वरदान था कि वह आग से नहीं जलेगी) इसलिए भक्त पहलाद को होलिका के साथ में उसकी गोद में बैठा कर जला दिया गया लेकिन जब अग्नि शांत हुई तो पता चला कि होली का इस आग में जल गई और भक्त पहलाद पर एक खरोच भी नहीं आई।
यहां पर यह बात सिद्ध हो गई कि बुराई का अंत हो जाता है और अच्छाई पर कोई आंच नहीं आती यह सिद्ध किया होलिका दहन मैं होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय है यहां एक कथा है जो पौराणिक मान्यता से जुड़ी हुई है और यह भी मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ में नंद गांव में रासलीला की थी इसी दिन नंद गांव में लोगों के द्वारा रंग और गुलाल के द्वारा अपनी खुशियों को व्यक्त किया गया था और होली का त्यौहार मनाया गया था।
होली की तैयारी
होली की तैयारी – होली से पहले होली की तैयारी बहुत ही धूमधाम से की जाती है घर घर जाकर घरों से गोबर के उपले और लकड़िया मांगी जाती है और इन लकड़ियों की होली बनाई जाती है और इसमें गोबर के उपले लगाए जाते हैं और होलिका दहन की जाती है।
Holi तैयार करने से पहले एक ग्राउंड को सजाया जाता है जिसमें रंग-बिरंगे कागजों से इसे सजाया जाता है जो काम बहुत ही उत्साह के साथ बच्चों के द्वारा किया जाता है और इसमें बड़े बुजुर्ग भी शामिल होते हैं और होली के मुहूर्त के साथ में इसे चलाया जाता है।
होलिका दहन से पहले इसमें एक होली का और उसकी गोद में प्रह्लाद को बैठाया जाता है और होली के चारों ओर मंगल कामना करते हुए फेरे लेते हैं और इस उम्मीद के साथ होलिका दहन की जाती है कि इस होली में सारी बुराइयां नष्ट हो जाए और अच्छाइयों की विजय हो और भाई चारे के साथ में होलिका दहन की जाती है और रंगों के साथ में यह त्यौहार मनाया जाता है।
होली कब मनाई जाती है
होली कब मनाई जाती है- होली का त्यौहार ऋतुराज में बसंत ऋतु के आगमन पर फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह त्यौहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है और हर्ष और उल्लास के साथ आनंद के साथ यह त्यौहार मनाया जाता है प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार फागुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह त्यौहार फागुन मास की पूर्णिमा को ही मनाए जाने के कई सारे ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताएं शामिल है यह त्यौहार आसान भाषा में कहा जाए तो साल के मार्च में मनाया जाता है।
भारत में मनाए जाने वाली प्रसिद्ध होलिया– वैसे तो होली का त्यौहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन भारत में कुछ जगह ऐसी है जहां पर होली का त्यौहार सबसे अधिक उत्साह और जोश के साथ में मनाया जाता है और होली की तैयारी यहां पर कुछ अलग प्रकार से की जाती है और बहुत ही उल्लास के साथ में यह त्यौहार मनाया जाता है कुछ महत्वपूर्ण शहर ऐसे हैं जहां पर होली का त्यौहार बहुत अधिक उल्लास के साथ में मनाया जाता है।
भारत में मनाए जाने वाली प्रसिद्ध होलिया
बरसाने की होली – बरसाने में होली का का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है यहां पर कुछ अलग प्रकार से इसकी तैयारी की जाती है और बरसाने की होली को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।
- वृंदावन की होली – वृंदावन में भी होली का त्यौहार बहुत अधिक हर्ष और उल्लास के साथ में मनाया जाता है यह दूसरी ऐसी जगह है जहां पर होली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
- मथुरा की होली – मथुरा की होली का हमने कई बार कहावतों में भी नाम सुना है मथुरा में जो होली मनाई जाती है उसका कोई जवाब नहीं यहां पर बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ में होली मनाई जाती है।
- बृज की होली – ब्रज में मनाई जाने वाली होली संपूर्ण देश अथवा संपूर्ण विश्व में ही प्रचलित है ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिन्हें ब्रज की होली का नाम नहीं सुना होगा।
- काशी की होली – काशी में मनाई जाने वाली होली की भी अपनी मान्यताएं हैं यहां पर भी होली बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ में मनाई जाती है।
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली- होली का त्यौहार लगभग 2 दिन तक चलता है और यह त्यौहार काफी हर्ष और उल्लास के साथ में मनाया जाता है होली की तैयारी 2 दिन पहले शुरू कर दी जाती है और जिस दिन होली रहती है उसके 1 दिन पहले रात में होलिका दहन इस उम्मीद के साथ में की जाती है कि इसमें लोगों की नकारात्मक सोच और प्रवृत्ति का अंत हो जाए और अच्छाई की जीत हो और रंग गुलाल के साथ में बड़े ही आनंद और मनोरंजन के साथ में होली का त्यौहार मनाया जाता है।
उपसंहार – यह तहेवार एक मेले की तरह होता है जिसमें लोग एक दूसरे से मिलते हैं एक दूसरे को रंग गुलाल लगाते हैं गले मिलते हैं प्रेम आनंद और खुशी का पैगाम देते हैं यह एक खुशियों का त्यौहार है जिसमें सभी बड़े बुजुर्गों छोटे बड़े भाई बहन तथा आस-पड़ोस के सभी लोग मिलकर ऐसी कामना करते हैं कि उनके बीच से सभी बुराइयों का अंत हो जाए और सभी लोग मिलकर एकता का संदेश देते हैं उदाहरण पेश करते हैं।
होली में ज्यादातर लोग रंगों का प्रयोग करते हैं लेकिन हमें रंगों के प्रयोग से बचना चाहिए और हमें गुलाल का प्रयोग करना चाहिए रंग हमारी त्वचा के लिए हानिकारक होता है और हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है हमें शारीरिक और मानसिक रुप से बीमार बना सकता है इसलिए प्रेम भाव के साथ गुलाल के साथ में हमें होली खेलनी चाहिए होली में हमें किसी के साथ में जोर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए या किसी को जबरदस्ती रंग नहीं लगाना चाहिए ।
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10 Line Holi Essay in Hindi for class 5 2022-23
- होली का निर्माण भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
- होली का त्योहार मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्यौहार में से एक त्योहार है।
- इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।
- लोग ऐसा मानते हैं कि होली के त्यौहार में बुराइयों का अंत होता है।
- होलिका दहन फागुन के महीने में किया जाता है ।
- इस्तेमाल भी लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं ।
- यहां 1 रंगों से जुड़ा त्यौहार है ।
- यह त्यौहार पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है।
- भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद के होलिका दहन में ना जलने की खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है।
- हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है।
- मार्च के महीने में होली का त्यौहार मनाया जाता है।
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