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पुस्तकालय की रूपरेखा
- प्रस्तावना
- पुस्तकालय से तात्पर्य
- भारत में पुस्तकालय की परंपरा [रीति रिवाज]
- पुस्तकालयों के भिन्न-भिन्न प्रकार
- पुस्तकालय से प्राप्त लाभ
- उपसंहार
1- प्रस्तावना – पुस्तकों का तात्पर्य मानव से ही उत्पन्न एक प्रवृत्ति कहलाती है | जिसका स्वभाव मानव के जीवन में बचपन से ही दिखाई देता है | इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि जब बच्चे को कोई भी खिलौना ले कर दिया जाता है तो वह सबसे पहले उस खिलौने को तोड़कर यहां पता करने की कोशिश करता है कि इसके अंदर क्या हो सकता है ? और यह भी जानने की कोशिश करता है कि यह कैसे बना होगा और इसके अंदर क्या होगा ?
हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि वह अपनी मनचाही पुस्तकों का अध्ययन कर सकें ,लेकिन वह अपनी आर्थिक स्थिति के कारण अपनी मनचाही पुस्तकों का अध्ययन नहीं कर पाता है | पुस्तकालय ही एक ऐसा मात्र सहारा है जिसके माध्यम से वह अपनी सारी मनचाही पुस्तकों का अध्ययन ग्रहण कर सकता है और अन्य प्रकार के ज्ञान का भी अध्ययन पुस्तकालय के माध्यम से पुस्तकों का अध्ययन करके अपने मन को शांत तथा सुशील स्वभाव का बना सकता है |
पुस्तकालय का महत्व पर निबंध 2022-23
2- पुस्तकालय से तात्पर्य – पुस्तकालय से तात्पर्य का अर्थ है कि जहां पुस्तकों को स्वाभाविक रूप से रखा जाता है तथा पुस्तकों का एक सही स्थान तथा सही क्रम निश्चित रूप से स्थित होता है | यह स्थान पुस्तकालय के नाम से जाना जाता है तथा इस स्थान को पुस्तकालय भी कहा जाता है | पुस्तकालय में सभी प्रकार के व्यक्तियों के लिए पुस्तकों का अध्ययन करने के लिए एक निश्चित स्थान की सुविधा बनी होती है | जिसके माध्यम से हर एक व्यक्ति अपनी इच्छा अनुसार सभी पुस्तकों का ज्ञान प्राप्त कर सकता है |
3- भारत में पुस्तकालय की परंपरा या रिती रिवाज – भारत में पुस्तकालय की परंपरा को एक मंदिर के रूप में पूजा जाता है | भारत की इस परंपरा में पुस्तकालय का महत्व प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा है | नालंदा विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त किए उच्च कोटि के शासकों द्वारा बहुत सारे पुस्तकालयों का निर्माण किया गया है | जिसमें तक्षशिला विश्वविद्यालय से भी उच्च कोटि के विद्वानों ने शिक्षा प्राप्त की है तथा पुस्तकालय भी बनवाए हैं |
4- पुस्तकालयों के भिन्न-भिन्न प्रकार – पुस्तकालयों के बहुत से भिन्न भिन्न प्रकार भारत में स्थित है | जिसमें से बहुत से पुस्तकालयों की सुविधा स्कूल तथा कॉलेजों में भी उपलब्ध होती है जिसके माध्यम से सभी विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं तथा मनचाहे ज्ञान का अनुभव भी प्राप्त कर सकते हैं | लेकिन जो दूसरे पुस्तकालय होते हैं वह निजी पुस्तकालय होते हैं जिनमें व्यक्ति अपने अनुसार अपनी रुचि की पुस्तकों का समावेश रखता है |
विदेशों में सबसे अधिक निजी पुस्तकालय स्थित होते हैं हमारे देश के तरह पुस्तकालय स्थित नहीं होते हैं | जो तीसरे प्रकार के पुस्तकालय कहलाते हैं उन पुस्तकालय को सार्वजनिक पुस्तकालय कहते हैं इन पुस्तकालयों में सर्वाधिक पुस्तको की उपस्थिति होती है |सार्वजनिक पुस्तकालय के माध्यम से व्यक्ति अपनी मनचाही पुस्तक का ज्ञान प्राप्त कर सकता है |
पुस्तकालय पर निबंध
इनमें सबसे अधिक मात्रा में पुस्तकें होती है | सार्वजनिक पुस्तकालय में छात्रों के लिए उपयोगी सभी प्रकार की पुस्तक को का समावेश होता है | जिसमें विदेशी पुस्तकालयों के उच्च स्तरीय पत्र पत्रिकाएं भी निश्चित रूप से उपलब्ध होती है | सार्वजनिक पुस्तकालय एक सामाजिक संस्था है जिसे शासन द्वारा चलाया जा रहा है | जिसके माध्यम से हर एक विद्यार्थी शिक्षा का लाभ ग्रहण कर सकता है |
5- पुस्तकालय से प्राप्त लाभ – पुस्तकों के माध्यम से हम अपने मस्तिष्क की भूख को भी कम कर सकते हैं तथा इतिहास के बारे में भी हमें जानकारी प्राप्त होती है जिसमें धर्म समाज आदि का भी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं |
पुस्तकों के माध्यम से हम अतीत में जो हुआ उसके बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं तथा वर्तमान में जो चल रहा है उसके बारे में भी हमें जानकारी प्राप्त होती है और भविष्य में हमें जिस भी ऊंचाइयों पर पहुंचना है उसके बारे में भी हम पुस्तकों के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं |
जिस प्रकार कहते हैं कि खाली दिमाग में एक शैतान का घर होता है उसी शैतान के घर से बचने के लिए हम पुस्तकालय में जाकर अपना मन शांत तथा मन को सर्वश्रेष्ठ बना सकते हैं |
पुस्तकालय की उपयोगिता
6- उपसंहार – पुस्तकालय को भारत देश में हुए विकास के लिए एक सर्वश्रेष्ठ योगदान माना जाता है | जिससे मानव के विकास एवं समृद्धि में वृद्धि होती है | जिसके माध्यम से मानव के जीवन में बहुत सारी अच्छाइयों का समावेश होता है |
इसीलिए हमें पुस्तकालय की पुस्तकों का पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए तथा इसकी पूजा करनी चाहिए पुस्तकालय को ज्ञान का भंडार भी कहा जाता है जिससे हमें संपूर्ण ज्ञान की प्राप्ति होती है |
जिसे एक मंदिर भी कहते हैं जहां से हर व्यक्ति को हर प्रकार के ज्ञान की प्राप्ति होती है यह एक ऐसी योजना है जिसमें संपूर्ण ज्ञान का समावेश होता है जिसके माध्यम से हर एक व्यक्ति संपूर्ण ज्ञान प्राप्त कर सकता है |
पुस्तकालय पर 10 लाईन
- पुस्तकालय में पुस्तकों का संग्रहण होता है |
- सभी विद्यार्थी पुस्तकालय से पुस्तक प्राप्त करते हैं |
- सभी विद्यार्थी पुस्तकालय में बैठकर पढ़ाई करते हैं |
- हमारा पुस्तकालय बहुत अच्छा पुस्तकालय है |
- हमारे पुस्तकालय में बैठकर पर पढ़ाई करने की व्यवस्था भी है |
- हमारे पुस्तकालय में सभी बच्चे साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं |
- पुस्तकालय से हमें घर पर पढ़ाई करने के लिए भी पुस्तके प्राप्त हो जाती है |
- हमारे स्कूल में पुस्तकालय की बहुत अच्छी व्यवस्था की गई है |
- हमारे पुस्तकालय में किसी प्रकार का कोई शोर नहीं होता |
- सभी बच्चे बैठकर यहां पर साथ में पढ़ाई करते हैं |
- हमारा पुस्तकालय ज्ञान का भंडार है |
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