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Mahatma Gandhiपर निबंध 10 वाक्य हिंदी में
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था |
- महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से जाना जाता है |
- गांधीजी सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले व्यक्तित्व के व्यक्ति थे |
- इनके पिता का नाम करमचंद गांधी एवं माता का नाम पुतलीबाई था |
- इन्होंने अपने वकालत की पढ़ाई ब्रिटेन में पूर्ण की |
- महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे |
- गांधी जी द्वारा भारत में प्रथम 17 ग्रह चंपारण में नील सत्याग्रह था |
- 1930 में गांधी द्वारा दांडी यात्रा की गई थी |
- देश की आजादी के लिए विभिन्न सत्याग्रह किए और अपना जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया |
- महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को की गई थी |
महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्द
महात्मा गांधी महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था इनका नाम मोहनदास गांधी था इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था इनके पिता एक राजघराने में दीवान का कार्य करते थे उन्होंने अपनी पारंपरिक शिक्षा का को पोरबंदर में ही पूरा किया था |
वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद एवं विभिन्न कार्यक्रमों में भी भाग लिया करते थे गांधी जी की माता पुतलीबाई की विचारधारा धार्मिक थी और इसी से प्रेरित होकर गांधीजी ने भी धार्मिक विचारधारा ग्रहण की प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद गांधीजी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए शहर गएउन्होंने वहां पर अल्बर्ट हाई स्कूल में प्रवेश लिया |
गांधीजी वकालत की पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन अंग्रेजों के शासन के वजह से अंग्रेजी का आना आवश्यक था इसी वजह से गांधीजी किसी राजघराने मैं वकालत करने के लिए उपयुक्त नहीं थे इसीलिए उन्होंने अपने भविष्य के निर्णय के लिए इंग्लैंड में जाकर वकालत का फैसला किया सन 1986 में गांधीजी ब्रिटेन गए वहां पर उन्होंने वकालत के कॉलेज में प्रवेश लिया |
1981 में पढ़ाई पूर्ण करने के बाद बे भारत वापस आ गए थे ताकि वह भारत में ही रह कर अपनी वकालत का कार्य कर सकें लेकिन उन्हें 1893 में शेख अब्दुल्ला के द्वारा उनके केस के लिए दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ादक्षिण अफ्रीका में उन्होंने भारतीयों के अधिकार के लिए आंदोलन किया ताकि वे भारतीयों को उनका अधिकार दिखा दिला सके इसके साथ ही उन्होंने रंगभेद के लिए भी आंदोलन किया ताकि किसी के साथ रंग के आधार पर भेदभाव ना किया जा सके |
Mahatma gandhi Jivan parichay
इस तरह गांधी जी अपने केस के सिलसिले में 21 वर्ष तक दक्षिण अफ्रीका में ही रहेउन्होंने 1906 में दक्षिण अफ्रीका में पहले सत्याग्रह की शुरुआत की थी इसके सफल होने के बाद वह सत्याग्रह के माध्यम से ही अपने कार्य को कराने पर विश्वास रखते थे वहां पर उन्होंने विभिन्न आंदोलन एवं संस्थाओं की स्थापना की उसके बाद गांधीजी 1915 में भारत वापस आए गांधी जी के भारत वापस आने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया उनके स्वागत के लिए कई बड़े-बड़े नेता आए थे |
जिसमें उनके गुरु गोपाल कृष्ण गोखले भी थे जो उनके स्वागत के लिए आए थे इसके बाद उन्होंने भारत में आकर सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की गांधी जी के द्वारा भारत में पहला आंदोलन चंपारण में नील सत्याग्रह के नाम से किया थाइस आंदोलन के सफल होने के बाद 1918 में किसानों के हित के लिए खेड़ा में किसान आंदोलन किया था एवं इस आंदोलन का नेतृत्व भी गांधी जी के द्वारा ही किया गया था |
इसके बाद भारत के लिए सबसे भयानक जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था जिसके कारण गांधीजी काफी दुखी हुए थे और इसका विरोध भी पूरे जोर के साथ किया था और इसके विरोध में गांधी जी ने आंदोलन करके अंग्रेजों को अपने आगे झुकने के लिए मजबूर कर दिया था साथ ही उसी समय रॉलेक्ट एक्ट आया था जिसमें बिना किसी कारण ही किसी भी व्यक्ति को जेल में बंद कर दिया जाता था |
Mahatma Gandhi Essay in Hindi for Class 10
इसके विरोध में भी गांधी जी के द्वारा आंदोलन किया गया था इस तरह गांधी जी के आंदोलन की शुरुआत तेज हो चुकी थी अब गांधी के द्वारा हिंदू मुस्लिम को मिलाकर एकजुट करने एवं भाईचारा की भावना के लिए प्रयास किए और उन्हें जब ऐसा लगा कि वह इस प्रयास में सफल हो रहे तो इसलिए उन्होंने 1924 में हिंदू मुस्लिम एकता के लिए 21 दिन का उपवास रखकर आंदोलन किया ताकि लोग इससे प्रभावित होकर उनकी बातों को गंभीरता से लें और यह सही भी साबित हुआ |
लोगों ने इस आंदोलन को सफल कर दिया इसके बाद 1930 में गांधी जी के द्वारा दांडी यात्रा नमक सत्याग्रह जिसमें उन्होंने 200 मील पैदल चलकर इस यात्रा को पूरा किया था इसके बाद उन्होंने 1931 में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया इस प्रकार वे आंदोलन करते रहे उन्होंने नागरिक अवज्ञा आंदोलन दांडी यात्रा जैसे सफल आंदोलन किए इसके बाद उन्होंने भारत की आजादी के लिए 1942 में सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन किया |
Mera Priya neta mahatma Gandhi Essay in Hindi
इसने अंग्रेजों के पसीने छूट गए एवं इस आंदोलन के बाद अंग्रेजों ने भी भारत को छोड़ने का मन बना लिया और 1947 में लॉर्ड माउंटबेटन के भारत को आजाद कर दिया गया इस तरह महात्मा गांधी ने भारत के आजादी के लिए कड़ी मेहनत एवं संघर्ष किया एवं अपना जीवन भारत की आजादी के लिए लगा दिया गया एवं इसके बाद महात्मा गांधी जी की हत्या 30 जनवरी 1948 को बिरला हाउस में नाथूराम गोडसे के द्वाराउन्हें गोली मारकर हत्या कर दी थी |
गांधी जी ने अपने अंतिम समय में एवं अपने अंतिम शब्द हे राम कहकर पुकारा था वह एक महान महापुरुष थे उन्होंने सदा सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही अपने कार्य को पूरा किया वह हिंसा के कट्टर विरोधी थे वह अपने कार्य को सत्य और अहिंसा पर चलकर एवं आंदोलन और सत्याग्रह माध्यम से ही पूर्ण करना चाहते थे एक धार्मिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखकर कार्य करते थे एवं लोगों की सेवा लोगों की मदद करना उनको अच्छा लगता था इसी कारण महात्मा गांधी क राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया जाता है और आज भी उनका नाम अमर है और आगे भी रहेगा |
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