वैष्णो देवी में सती के शरीर का कौन सा अंग गिरा था?
माता सती के 51 शक्तिपीठ की कहानी – ऐसा माना जाता है कि एक बार राजा दक्ष प्रजापति के द्वारा एक यज्ञ का आयोजन किया गया था जिसमें सभी देवी देवताओं को बुलाया गया था लेकिन जानबूझकर उसमें भगवान शंकर और माता पार्वती को नहीं बुलाया गया।
51 शक्ति पीठ कौन कौन से हैं?
माता पार्वती जो दक्ष की ही पुत्री थी पिता के द्वारा ना बुलाए जाने पर भी वह यज्ञ में जाने की जिद करती रही शंकर जी के रोकने पर भी गए यज्ञ में चली गई और शंकर जी को आमंत्रित नहीं करने का कारण पूछा तो इस पर पिता दक्ष उग्र विरोध प्रकट किया और भगवान शंकर के बारे में अपशब्द कहे।
माता पार्वती इनफ शब्दों को सुनना सकी और उसी यज्ञ में कूदकर अपने प्राणों की आहुति दे दी जब इस घटना के बारे में भगवान शंकर को पता लगता है तो उनका तीसरा नेत्र खुल जाता है और वह वीरभद्र अवतार में राजा दक्ष के उस यज्ञ को नष्ट कर देते हैं और उसका सिर धड़ से अलग कर देते हैं फिर देवताओं के अनुरोध के बाद बकरे का सिर लगाकर दक्ष को पुनः जीवित किया जाता है।
भगवान शंकर माता पार्वती के शव को अग्निकुंड से निकाल कर कंधे पर उठा लेते हैं और विलाप करते हैं और घूमते हैं जिससे संपूर्ण विश्व में पहले जैसी चेतावनी दी जाती है और भगवान शंकर को रोकने के लिए भगवान विष्णु सुदर्शन चक्र से माता सती के देह के टुकड़े कर देते हैं और यह टुकड़े धरती पर जिस जिस स्थान पर गिरते हैं वहां पर शक्ति पीठ की स्थापना हो जाती है आइए जानते हैं धरती पर कुल 51 शक्तिपीठ के बारे में।
मां सती के इन 51 शक्तिपीठ की स्थापना–
सबसे बड़ा शक्तिपीठ कौन सा है?
1- हिंगलाज देवी शक्ति पीठ – माता सती का यह शक्तिपीठ कराची से लगभग 125 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता पार्वती के सिर का ऊपरी भाग गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
2- शर्कररे शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ कराची सुक्कर स्टेशन के निकट पाकिस्तान में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की आंख गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
3- सुगंध या सुनंदा शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ शिकारपुर बरिसल से लगभग 20 किलोमीटर दूर बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की नासिका गिरी थी जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
4- अमरनाथ- यह शक्तिपीठ पहलगाम कश्मीर भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का गला गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
5. ज्वालाजी शक्ति पीठ- यह शक्तिपीठ कांगड़ा हिमाचल प्रदेश भारत में स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की जीभ गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.
6. त्रिपुरमालिनी शक्तिपीठ- यह शक्ति पीठ जालंधर छावनी रेलवे स्टेशन के निकट पंजाब भारत मैं स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का बाया वक्ष गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
7. अंबाजी शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ गुजरात भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का ह्रदय गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
8. गुजयेश्वरी मंदिर- यह शक्ति पीठ काठमांडू के निकट पशुपतिनाथ मंदिर है. जो नेपाल में स्थित है. यहां पर माता सती के दोनों घुटने गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
माता सती के 51 शक्तिपीठ कहां-कहां है
9. मानस शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ कैलाश पर्वत मानसरोवर तिब्बत चीन में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का दाया हाथ गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
10- बिराजा शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ उत्कल उड़ीसा भारत में स्थित है. यहां पर माता सती की नाभि गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
11- मुक्तिनाथ मंदिर- यह शक्तिपीठ गंडकी नदी के तट पर पोखरा नेपाल में स्थित है. यहां पर माता सती की मस्तक गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
12- बाहुल शक्तिपीठ. यह शक्तिपीठ अजय नदी के तट पर वर्धमान जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का बाया हाथ गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
13- उज्जनी शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ गुस्कुर स्टेशन बर्धमान जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की दाईं कलाई गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
14- त्रिपुरा शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ माताबाडी पर्वत उदयपुर त्रिपुरा भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का दाया पैर गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
15- छत्रसाल शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ चंद्रनाथ पर्वत के निकट सीताकुंड स्टेशन चित्तागोंग जिला बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की दाई भुजा गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
16- त्रिस्त्रोत शक्तिपीठ- यहां शक्तिपीठ सालबर्डी गांव वोडा मंडल जलपाईगुड़ी जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का बाया पैर गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
17- कामगिरी कामाख्या शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत गुवाहाटी आसाम में स्थित है. यहां माता सती की योनि गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
माता सती के 51 शक्तिपीठ के नाम
18- जुगाड्या शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ खिरग्राम वर्धमान जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के दाएं पैर का बड़ा अंगूठा गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
19- कालीघाट शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ कालीघाट कोलकाता भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर दाएं पैर का अंगूठा गिरा था. जिससे इस शक्ति पीठ की स्थापना हुई है।
20- ललिता ग्राम संगम शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ इलाहाबाद उत्तर प्रदेश भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की हाथ की उंगली गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
21- जयंती शक्ति पीठ- यह शक्तिपीठ कालाजोर भोरभोग गांव खासी पर्वत जयंतिया परगना बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की बाई जांघ गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
22- किरीट शक्तिपीठ- यहां शक्तिपीठ किरीट कोण ग्राम मुर्शिदाबाद जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का मुकुट गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
23- मणिकर्णिका घाट शक्तिपीठ – यह शक्तिपीठ काशी वाराणसी उत्तर प्रदेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां माता सती की मणिकर्णिका गिरी थी. जिससे शक्ति पीठ की स्थापना हुई है।
24- कन्याश्रम भद्रकाली मंदिर- यह शक्तिपीठ तमिलनाडु भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां माता सती की पीठ के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
25- कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ – यह शक्तिपीठ हरियाणा भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है. कि यहां पर माता सती की एड़ी के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
26- मणिबंध शक्तिपीठ – यह शक्तिपीठ गायत्री पर्वत के निकट पुष्कर अजमेर राजस्थान भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की दोपहुंचीया गिरी थी. जिससे इस शक्ति पीठ की स्थापना हुई है।
27- श्रीशैल शक्ति पीठ- यह शक्तिपीठ जौनपुर गांव से 3 किलोमीटर उत्तर पूर्व में सिलहट टाउन बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के गले के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्ति पीठ की स्थापना हुई है।
28- कांची शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ कोपाई नदी के तट पर कोल्हापुर स्टेशन बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की अस्थि गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
29- कामलाधव शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ सोन नदी के तट पर अमरकंटक मध्य प्रदेश भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का बाया नितंब गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
30- सोंदेश शक्तिपीठ – यह शक्तिपीठ अमरकंटक नर्मदा के उद्गम पर मध्य प्रदेश भारत में स्थित है. यहां पर माता सती का दाया नितंब गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
वैष्णो देवी में maa ka कौन सा अंग गिरा था?,
31- रामगिरी शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ चित्रकूट झांसी मणिकपुर रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती का दाया वक्त के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है. ।
32- भूतेश्वर महादेव मंदिर- यह मंदिर वृंदावन उत्तर प्रदेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है. कि यहां पर माता सती के केस का गुच्छा चूड़ामणि गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
33- सूचीतीर्थ शंकर मंदिर- यह मंदिर कन्याकुमारी तमिलनाडु भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की ऊपरी दाड गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
34- पंच सागर शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ कहां पर स्थित है इसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की निचली दाड गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
35-करतोयतत शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ भवानीपुर गांव बांकुरा स्टेशन बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की बाई पायल गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई. ।
36-श्री पर्वत- यह शक्ति पीठ लद्दाख कश्मीर में स्थित है. यहां माता सती की डाई पायल गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
37- विभाष शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ तमलुक मेदिनीपुर पश्चिम बंगाल में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की बाई एडी के अंश गिरे थे जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
38- प्रभात शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ वेरावल स्टेशन के निकट सोमनाथ मंदिर जूनागढ़ जिला गुजरात भारत में स्थित है ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के आमाशय के अंश गिरे थे जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
39- भैरव पर्वत शक्तिपीठ- इसे उज्जैन महाकालेश्वर के नाम से भी जाना जाता है. यह शक्तिपीठ शिप्रा नदी के तट पर उज्जैनी मध्य प्रदेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की ऊपरी ओष्ठ के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
40- जनस्थान शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ नासिक महाराष्ट्र में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सदी की थोड़ी के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है.।
41- सर्वशैल शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ राजमाहेंदरी आंध्र प्रदेश भारत में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के गाल के अंश गिरे थे. जिससे शक्ति पीठ की स्थापना हुई है.।
42- विराट शक्तिपीठ है- यह शक्तिपीठ भरतपुर राजस्थान में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के बाएं पैर की अंगुली गिरी थी. जिससे शक्ति पीठ की स्थापना हुई है
43- रत्नावली शक्तिपीठ- यह रत्नाकर नदी कृष्णानगर हुगली जिला पश्चिम बंगाल में स्थित .है यहां पर माता सती की दाएं स्कंध के अंश गिरे थे.
44- उमा शक्तिपीठ मिथिला- यह शक्तिपीठ जनकपुर रेलवे स्टेशन भारत नेपाल की सीमा पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के बाया स्कंध के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है।
45- नलहटी शक्ति पीठ- यह शक्तिपीठ नलहटी स्टेशन बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती की पैर की हड्डी गिरी थी. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई ह।
46- कर्नाटक शक्तिपीठ- इस शक्तिपीठ की जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है. लेकिन ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के दोनों कान गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
47- वाकेश्वर शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ पाप हर नदी दुबराजपुर स्टेशन वीरभूमि जिला पश्चिम बंगाल में स्थित है।
48- यशोर शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ इसवारीपुर खुला जिला बांग्लादेश में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के हाथ और पैर के अंश गिरे थे. जिससे शक्ति पीठ की स्थापना हुई है।
49- अट्टाहास शक्तिपीठ- या शक्तिपीठ बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के ओष्ठ के अंश गिरे थे. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है ।
50- नंदीपुर शक्तिपीठ- जहां शक्तिपीठ बीरभूम जिला पश्चिम बंगाल में स्थित है. ऐसी मान्यता है कि यहां पर माता सती के गले का हार गिरा था. जिससे इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई।
51- इंद्राक्षी शक्तिपीठ- यह शक्तिपीठ श्री कोटेश्वर मंदिर के एक स्तंभ में स्थित है. जो श्रीलंका में है यहां पर माता सती की पायल के अंश गिरे थे. जिससे शक्ति पीठ की स्थापना हुई हैं।
Leave a Reply