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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
भारत देश एक ऐसा देश है जहां पर नारियोंको अत्यधिक सम्मान दिया जाता है और यहां उन्हें देवी माना जाता है फिर भी देखा जाता है कि भारत देश में कन्याओं की भ्रूण हत्या की जा रही है नारियों पर अत्याचार किया जा रहा है शास्त्र में ऐसा लिखा है कि जिस घर में नारियों का सम्मान होता है वहां साक्षात देवता निवास करते हैं
लेकिन सत्य तो यह है कि कई वर्षों से बच्चियों की भ्रुण हत्याए होते आ रही है तथा अत्याचार होते आ रहे हैं जो आज तक होते हैं जिसका पूरी तरह से समाधान आज तक नहीं निकल पाया है लेकिन कुछ हद तक के यदि हम आधुनिक युग की बात करते हैं तो यह जानकर बहुत खुशी होती है कि आज की नारी सशक्त है और नारी सशक्तिकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं
ऐसे लोग जो महिलाओं के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं वे यह बात क्यों नहीं समझते कि उनके अस्तित्व से ही आधी साझेदारी जुड़ी हुई है स्त्री ही है जिससे परिवार है अगर वे इस विषय पर थोड़ा अधिक विचार करते हैं तो यह भी जान जाएंगे कि अगर स्त्रियों को कहीं से भी कम समझा जाता है तो इसका कारण स्त्रियों के अधिकारों का हनन है
Beti Bachao Beti Padhao in Hindi Essay
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भारत में बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही है जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना इसके अतिरिक्त लाड़ली लक्ष्मी योजना और भी कई सारी योजना नारी सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही है जो एक बहुत अच्छा संकेत है बच्चियों की तथा नारियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए
भारत देश में आज कई ऐसे बुद्धिजीवी लोग हैं जो समाज के ऊंचे पदों पर विराजमान हैं और वे महिला सशक्तिकरण के लिए अहम भूमिका निभाते हैं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए तथा उनके अधिकार दिलाने के लिए कार्य करते हैं देखा जाता है कि भारत देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जहां पर नारियों के अपने अधिकार नहीं मिलता
वर्तमान युग में अगर देखा जाए तो किसी भी क्षेत्र में या हम पढ़ाई के क्षेत्र में बात करें तो देखा जाता है कि बालिका ही ज्यादातर क्षेत्रों में अव्वल रहती है और उनके पीछे बालक रहते हैं लड़कियां अपने देश का नाम रोशन कर रही है लेकिन आज भी बालिकाओं के अधिकारों का हनन किया जाता है
वर्तमान समय में देखा जाए तो भारत एक ऐसा देश है जो चांद तक पहुंच चुका है लेकिन इससे यहां तो समझ में आता है कि हमारा देश विज्ञान के क्षेत्र में काफी अच्छी तरक्की कर चुका है लेकिन आज भी लोगों की मानसिकता नारियों के विषय में जैसी की वैसी है देखा जाए तो कुछ अब तक तो इसमें सुधार हुआ है लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी सोच आज भी वही स्थिर है
Brand Ambassador of बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – Narendra modi
भारत देश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 22 जनवरी 2015 को भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई महिलाओं को सशक्त बनाने में यहां अभियान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
कई ऐसे मनोवैज्ञानिक है जिन्होंने यहां सिद्ध किया है अपने प्रयोग के द्वारा की पुरूष की तुलना में महिलाएं अधिक मेहनती तथा धैर्यवान होती है और ईमानदार होती है महिलाओं के यह गुण उन्नति के मार्ग पर ले जाते हैं
वर्तमान मैं विश्व के यदि हम सभी देशों की बात करें तो देखा जाता है कि सारे देश जो संपन्न है और विकसित देश है ऐसे सभी देशों में महिलाओं को समानता का अधिकार मिलता है और वह नारी -पुरुष के साथ बराबर सम्मान का अधिकार मिलता है
Beti Bachao Beti Padhao Nibandh for class 9th,10th,11th,12th
- भूमिका
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जागरूकता अभियान
- योजना का मुख्य उददेश्य
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की आवश्यकता
- योजना का मुख्य उददेश्य
- उपसंहार
भुमिका – महिला एवं पुरूष दोनेा के बिना जविन की उत्पत्ति संभव नही है और दोनाे को ही समानता का अधिकार मिलना चाहिए क्योकि दोनो की ही भागीदारी समान है मानव जाति के उदय के साथ ही नारी एवं पुरूस की भागीदारी समान रही है जिसके साथ मे ही दोनो का अस्तित्व है अकेले किसी का अस्तित्व नही है ऐशा देखा जाता है कि किसी भी विकासील देश मे महिलाओ को समान अधिकार दिया जाता है लेकिन भारत देश मे यह केवल किताबो तक ही सीमित है आज आज भी बेटियो की हत्या गर्भ मे ही कर दी जाती है
beti bachao beti padhao Essay in Hindi
बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की शुरुआत – भारत मे बेटी बचाओ बेटी पढाओ जागरूकता अभियान की शुरूआत 22 जनवरी सन 2015 मे की गई थी जिसका मुख्य उददेश्य बालिका के लिंग अनुपात मे सुधार लाना है कन्या भ्रुण हत्या पर रोक लगाना है कन्याओ को शिक्षित बनाना है
भारत सरकार की यह योजना एक बहोत ही महत्वपुणर् योजनाओ मे से एक है जो महिलाओ बालिकाओ को शसक्त बनाती है और महिला कल्याण मे सुधार लाती है
बेटी बचाओ बेटी पढाओ के मुख्य उददेश्य – समाज मे गिरते लिंग अनुपात को देखते हुए इस अभियान की शुरूआत की गई लिंग अनुपात असंतुलन को सुधारण तथा बालिकाओ को शिक्षित बनाता आर्धिक स्थिती सुधारना इसका मुख्य उददेश्य है इस अभियान के अतर्गत भ्रुण हत्या के विरूद्ध संंघर्ष है इस योजना से समाज मे बालिकाओ के अपने अधिकार मिल सकेगे
उपसंहार – समाज मे कन्या शिशु के स्थिती के सुधार के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को प्रयास करना चाहिए जिससे समाज मे महिलाओ बालिकाओ की स्थिती मे सुधार आ सके लडकियो को माता पिता के द्वारा लडको के समान समझा जाये ओैर शिक्षा मे सुधार आ सके
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ फार्म
भारत देश में महिलाओं का सम्मान तो पौराणिक संस्कृति के साथ जुड़ा हुआ है और महिलाओं के सम्मान को पौराणिक संस्कृति से हम जानते हैं लेकिन आधुनिक समय में महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है जिसके कारण अब महिलाओं तथा बच्चियों को एक समान न्याय नहीं मिलता एक समान व्यवहार नहीं किया जाता
आजकल देख के ऐसा लगता है कि भारत देश एक प्रधान देश बन चुका है और यह नीति अपना चुका है और यही कारण है कि भारतवर्ष में नारियों की हालत खराब है उनके साथ लैंगिक भेदभाव किया जाता है और उन्हें उचित शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी पाबंदी लगाई जाती है
लोगों की सोच इतनी विकृत हो चुकी है कि देश में आज हर दिन कन्या भ्रूण हत्या होती है और बलात्कार जैसे संगीन जुर्म होते हैं और यह बात आजकल आम होते जा रही है हमारे देश की इतनी खराब हालत हो गई है कि लोग हमारे देश में आने से घबराते हैं
समस्या को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा यहां नई योजना का शुभारंभ किया Beti bachao beti Padhao yojana इस योजना का शुभारंभ नरेंद्र मोदी जिसके द्वारा 22 जनवरी 2015 को किया गया था यहां एक बहुत ही सराहनीय योजना है जो पूरी तरह से महिलाओं तथा बच्चियों को समर्पित है
यही कारण है कि भारत देश में नारी या सभी चीजों में पिछड़ रही है उनकी आवाज को हमेशा दवा दिया जाता है ज्यादातर भारत देश में देखा जाता है कि बेटियो के घर से बहार निकलने की पाबंदी होती है उन पर रोक कब लगाई जाती है
How to fill Application form beti bachao beti Padhao
Beti Bachao Beti Padhao योजना के अंतर्गत बच्चियों को उचित शिक्षा की व्यवस्था की गई है तथा उनके आगे के भविष्य को देखते हुए भारत सरकार के द्वारा तरह-तरह की योजना बनाई गई है जिसके द्वारा बेटियों के शिक्षक से संबंधित सभी परेशान जाती हैं और उन्हें घर से बाहर निकलने की आजादी मिलती है और इसी प्रकार लोगों की सोच भी बदल सकेगी और बालक तथा बालिकाओं में फर्क नहीं किया जाएगा
भारत देश में लड़कियों को शिक्षित बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नाम से बच्चियों के लिए इस योजना की शुरुआत की जिसका शुभारंभ भारत के हरियाणा राज्य से किया गया यहां पर पानीपत में 22 जनवरी 2015 को इस योजना की शुरूआत की गई
इस गुना का शुभारंभ हरियाणा के पानीपत से करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यहां पर बालिकाओं के लिंग अनुपात में काफी गिरावट आई थी इसलिए यह योजना की शुरुआत यहां से की गई भारत देश में सबसे कम लिंगानुपात हरियाणा में पाया गया इसलिए यहां की स्थिति को देखते हुए भारत सरकार के द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत की गई
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध
हरियाणा के पानीपत में बालिकाओं की स्थिति काफी दयनीय थी यहां पर लड़कियों का लिंग अनुपात केवल 775 ही था इसलिए यहां पर लड़कियों की दैनिक स्थिति को देखते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की गई भारत देश में यह योजना लगभग 100 जिलों में अत्यधिक प्रभावी रूप से लागू की गई है
भारत देश में महिला तथा पुरुष का लिंग अनुपात देखा जाए तो हरियाणा के लगभग 12 जिलों में सबसे कम पाया गया जिनमें – पानीपत कुरुक्षेत्र भिवानी सोनीपत रोहतक यमुनानगर अंबाला रिवारी महेंद्रगढ़ झज्जर करनाल आदि शहर है
हरियाणा सरकार ने हरियाणा में लड़कियों के गिरते लिंगानुपात की समस्या को देखते हुए बच्चियों की स्थिति सुधारने के लिए हरियाणा सरकार के द्वारा 14 जनवरी को बेटी की लोहड़ी नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया था जिसका मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था तथा उन्हें उचित अधिकार उचित शिक्षा प्रदान की जा सके इस उद्देश्य से इस योजना की शुरूआत की गई थी
Hindi Essay बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ Form pdf
योजना से हरियाणा की जनता में जागरूकता फैलाने की कोशिश की गई और यह काफी मददगार साबित होगी साथ ही साथ महिलाओं को दी जाने वाली यहां योजना कल्याणकारी सेवा हो की कार्यकुशलता को भी इसके द्वारा बढ़ावा मिला
यदि हरियाणा के 2011 की जनगणना की बात की जाए तो लड़कियों मैं 0-6 वर्ष की लड़कियों में काफी कमी देखने के लिए मिली और लगातार संख्या में गिरावट देखी गई 2001 की जनगणना के अनुसार यहां आंकड़ा काफी सुधरा और लिंग अनुपात में काफी सुधार आया अस्पतालों में आधुनिक यंत्रों के द्वारा लिंग का पता लग जाता है जिसके कारण कन्या भूर्ण हत्या हो रही है समाज की विकृत सोच है
देश में यह लगातार देखा गया है कि बालिकाओं के जन्म के बाद बालिकाओं को सही तरह से भेदभाव से गुजरना पड़ता है उनमें से ज्यादातर देखा जाता है शिक्षा के लिए स्वास्थ्य के लिए तथा उनकी सुरक्षा के लिए तथा बालिकाओं के खानपान आदि सभी जरूरतों इसीलिए नारी सशक्तिकरण अभियान के द्वारा बालिकाओं की इन सभी समस्याओं पर विचार किया गया है तथा इसमें सुधार किया गया है
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