Chhindwara University MA 2nd Sem 2nd Question paper solution 2021 | CUC MA Second question paper solution |आधुनिक हिंदी गद्य और उसका इतिहास प्रश्न पत्र का उत्तर 2021 M.A. second question paper solution Chindwara university ma question paper solution Chhindwara University MA 2nd Sem 2nd Chhindwara University MA 2nd Sem 2nd paper solution.
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प्रश्न 1- उन देव पुत्रों—————– ——————————-द्विधा अभिशाप है
संदर्भ– प्रस्तुत पद हमारी पाठ्यपुस्तक हिंदी के अध्याय बाणभट्ट की आत्मकथा से लिया गया है जिसके रचयिता पंडित हजारी प्रसाद द्विवेदी जी है
प्रसंग – प्रस्तुत पद में लेखक ने राज्यसभा का वर्णन किया है और देश के बारे में उल्लेख किया है तथा देश के वीर जवानों के बारे में बताया है
व्याख्या – लेखक राज्यसभा का वर्णन करते हुए कहते हैं कि राज्यसभा में असमंजस की स्थिति थी कोई राज्यसभा में पासा खेलने में व्यस्त था कोई व्यक्ति वहां पर द्रुतक्रीड़ा कर रहा थासभी कोई ना कोई काम में उलझे हुए थे कोई वहां पर वीणा बजा रहा था कोई चित्र फलक पर राजा की प्रतिपूर्ति अंकित कर रहे थे
कोई-कोई वहां पर अंताक्षरी खेल रहे थे मानसी और प्रहेलिका अथवा अक्षरयुक्तक काव्य की रचना कर रहे थे कुछ व्यक्ति तो ऐसे डिड थे जो भरी सभा में रमणी ओके कपोल प्रदेश के तिलक की रचना करने में व्यस्त थे जैसे ही वहां पर महाराज आज ही प्रधान और इनके अतिरिक्त कुमार कृष्ण वर्धन जब सभा में पधार ते हैं वैसे ही सभी संयत हो जाते हैं और नियमों के अनुसार एक श्रंखला में खड़े हो जाते हैं
कभी यहां पर स्त्री सौंदर्य के वर्णन के लिए बहुत सारे उदाहरण है बताते हैं जिसे हर अवस्था में भाव भंगिमा को अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग तरीकों से वर्णित करने के तरीके बताते हैं इस पद में हर पात्र में उपयुक्त और चुने हुए विश्लेषकों का नवीन प्रयोग किया गया है जो कि कहीं सामान्य हिंदी को समझने के लिए कठिन है जिस प्रकार प्रोडक्ट उच्च वास में निपुणिका के सौंदर्य का वर्णन करते हुए इसे दुर्बल मुख्य के ऊपर सुशोभित बताते हैं जिस प्रकार प्रभात काल में चंद्र मंडल के पीछे सजल जलधार लटके होते हैं कभी कहते हैं कि सूरत साड़ी से आवेष्ठित कामिनी गुल्म के समान अभिराम दे रही है हां देखा जाता है कि उसका मुंह पीला पड़ रहा है तथा खंजन चतुर आंखें बहुत ही मनमोहक लग रही है
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प्रश्न- 2 – पिता तुम हमारा निषेध———————————————————–कभी पसारा नहीं
संदर्भ- प्रस्तुत पद हमारी पाठ्य पुस्तक के अध्याय पिता ज्ञानरंजन से लिया गया है
प्रसंग- यहां समकालीन कहानी पर आधारित पांचवी खंड की पहली इकाई है जिसमें पिता के बारे में बताया गया है
व्याख्या– यह कहानी पिता ज्ञानरंजन की महत्वपूर्ण कहानियों में से एक कहानी है इस कहानी में कवि लिखते हैं कि संयुक्त परिवार के टूटते चले जाने और युवाओं के शहर की ओर रुख करने में बड़ी समस्याएं होती है इसके अतिरिक्त बूढ़ों की अपनी समस्याएं होती है जो निरंतर बढ़ते जा रही है
इस प्रकार इस असहाय व्यवस्था में सभी अकेले होते जा रहे हैं बुजुर्गों की देखरेख करने वाला कोई नहीं रह गया है यह लोग अक्सर गांव में ही रह जाते हैं पिता से कहानी कारक का उद्देश्य इस समस्या को रेखाचित्र करना नहीं है बल्कि हमारी पुरानी पीढ़ी की रूढ़िवादिता को समझना है इस कहानी का मुख्य उद्देश्य जहां पीता एक संयुक्त परिवार में रहता है और वहां का सम्मानित सदस्य होता है और अपने पारिवारिक सभी समस्याओं के कारण उसे किसी प्रकार के अकेलापन या असुविधा नहीं उठानी पड़ती बल्कि वह सभी चीजों को व्यवस्थित करता है और परिवार उन्हें छोड़कर कहीं नहीं जाता पिता अपने परिवार के चारों ओर सभी सुविधाएं जुटाते है ओैर सभी का खयाल रखते है
विशेष –
- प्रस्तुत पद में पिता के समर्पण को बताया गया है
- कहानी के भाव बोध को बदलते हुए परिवेश और टूटते हुए परिवारिक मूल्यों के बारे में बताया गया है
- परिवार के बदलते हुए संबंधित के बारे में बताया गया है
- संबंधों के बीच आने वाली दरार के लिए किस प्रकार कौन जिम्मेदार हो सकता है कि बारे में बताया गया है
- मध्यवर्गीय परिवार में तनाव की स्थिति कैसे होती है व्यवस्था के टकराव को भी तत्कालीन समाज कैसे परिवर्तित कर सकता है
आधुनिक हिंदी गद्य और उसका इतिहास
प्रश्न 3 – उपन्यास के तत्व के आधार पर कृष्णा सोबती के उपन्यास जिंदगीनामा की समीक्षा कीजिए|
उत्तर– जिंदगीनामा उपन्यास के लिए 2017 में कृष्णा सोबती जी को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था यह रचना कृष्णा सोबती जी की प्रमुख रचनाओं में से एक रचना थी जिओ बहुत ही लोकप्रिय हुई|
जिंदगीनामा एक आंचलिक उपन्यास है जो पंजाब में रहने वाले लोगों की जिंदगी का वर्णन करती है तथा उनके जीने के तरीकों का चित्रण करती है इस उपन्यास की प्रमुख विशेषता रूडी का प्रतिरोध करना है
इस उपन्यास में पंजाब के जन जीवन के बारे में बताया गया है जिसमें यह बताया गया है कि किस प्रकार पंजाब विभाजन से पहले वहां का जनजीवन संस्कृति अद्भुत थी और शांत तथा श्रद्धा पूर्वक जीवन था के बारे में बताया गया है
इस उपन्यास के प्रमुख पात्र साहनी है जो एक नारी का प्रमुख किरदार निभाते हैं जो एक हवेली की मालकिन रहती है तथा इस हवेली के मालिक सहा जी की पत्नी होती है इस उपन्यास में शाहजी गांव के एक जमींदार है और इनकी दूसरी पत्नी साहनी है और उनकी पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है
इस उपन्यास में म्हारी चाची एक पात्र है जो साहनी के प्रति प्रेम का भाव रखती है और वहां यह चाहती है कि वह साहनी की मां बने इस उपन्यास में लाली सहा साहनी और सहा जी का पुत्र है राय बन के यहां पर कार्य करती है जो लाली शाह की देखभाल करती है
जिंदगीनामा उपन्यास अन्य उपन्यासों से अलग है इसमें नायक और नायिका दोनों की भूमिका नहीं है इसमें नायिका केवल लोगों की बात की गई है इसकी कथा धरती से जुड़ी हुई है इसमें कथा की मात्रा बहुत अधिक नहीं है लेकिन इसमें दृश्यों की मात्रा बहुत अधिक है इस गांव में रहने वाले हिंदी मुस्लिम और सिख समुदाय की जिंदगी के बारे में बताया गया है
सहानी जोकि शाह जी की दूसरी पत्नी है एक साफ दिल की स्त्री है और जिसे संतान होने में दिक्कत हो रही थी उपन्यास में सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ में मिलजुल कर रहते हैं और खुशियों के साथ में रहते हैं
इस उपन्यास में प्रेम कथाओं का जिक्र देखने के लिए मिलता है और इसमें वहां के प्रमुख त्यौहार लोहरी ईद दशहरा वैशाखी जैसे सभी त्योहारों को बहुत अच्छे से मनाने का जिक्र मिलता है
लेखिका द्वारा इस उपन्यास में बताया गया है कि किस प्रकार वहां पर लोगों की जीवनशैली थी जो विभाजन के पहले थी तत्कालीन समाज में इसकी कुरीतियों के बारे में बताया गया है कि किस प्रकार लड़की पैदा होने पर खुशी मनाई जाती है और किस प्रकार लड़के के पैदा होने पर खुशी मनाई जाती है
इस उपन्यास में अंधविश्वास के बारे में भी बताया गया है तथा बुरी नजर से बचने के लिए किस प्रकार काले टीके का प्रयोग किया जाता है काले धागे का प्रयोग किया जाता है के बारे में बताया गया है बच्चों के सीने में लोहे को क्यों रखा जाता है उस प्रकार बताया गया है किस प्रकार बच्चे के मदरसे जाने पर इस प्रकार साथ घर में भिक्षा मांगी जाती है
यहां पर लोगों के मनोरंजन के साधन यहां के लोक नृत्य लोक नाटक पर्व उत्सव के बारे में भी बताया गया है पंजाब के लोगों में किस प्रकार प्रेम लड़ाई प्रतिशोध हत्या जमीन जायदाद पर सवाल लड़ाई यहां का फौजी जीवन किस प्रकार का है के बारे में बताया गया है
इस उपन्यास के द्वारा लेखिका कृष्णा सोबती जी ने अपनी लेखनी में नए-नए प्रयोग किया है और पंजाबी लहजे को बताया है और इसका साहसिक वर्णन किया है
विशेष-
- आजादी से पहले पंजाब की दिनचर्या के बारे में बताया गया है
- यहां की भाषा में सृजनात्मक प्रयोग किए गए हैं
- पात्रों को भाषा के रूप में चित्रित किया गया है
प्रश्न -मजदूरी और प्रेम निबंध का तात्विक विश्लेषण कीजिए सिद्ध कीजिए
उत्तर- मजदूरी और प्रेम- यह निबंध सरदार पूर्ण सिंह का एक प्रसिद्ध निबंध है जिसमें मजदूरी और प्रेम के बारे में बताया गया है जिसमें निरंतर कर्म करने के लिए कहा जाता है यह एक प्रेम पर आधारित निबंध है इस निबंध में सर्वप्रथम लेखक सरदार पूर्ण सिंह ने एक हल चलाने वाले किसान के बारे में बताया है और उसके जीवन के बारे में बताया है और बताया है कि स्वभाव से किसान एक जो होता है जिसकी यज्ञशाला खेत होता है और वहां पर वहां अपने जीवन को दबाते हुए आगे बढ़ता रहता है और अपनी मेहनत और कर्मों से फसल उगाता है और उसकी ईश्वरी प्रेम का केंद्र खेती होता है उसका संपूर्ण जीवन फुल पत्ते फल और अपने खेती की हरियाली में फलता फूलता है
इस कहानी में लेखक ने एक गडरिया के जीवन को निरूपित किया है और उसके पवित्र जीवन के बारे में बताया है और बताया है कि एक गडरिया किस प्रकार किसी खुले आसमान के नीचे बैठकर भीड़ से उनको एकत्रित करता रहता है और वहां भीड़ चढ़ाते रहता है जिसकी आंखों में प्रेम की लाली छाई हुई रहती है और वहां प्रकृति के स्वच्छ वातावरण में बैठा रहता है और अपना जीवन ज्ञापित करता है
वहां प्रकृति के खुले सौंदर्य का आनंद लेता रहता है और अपने बच्चे को अत्यंत शुद्ध हैदर वाले लेखक ने मजदूर की मजदूरी के बारे में बताया है और यह स्पष्ट किया है कि मजदूर किस प्रकार कठिन परिश्रम करता है और अपना जीवन यापन करता है और किस प्रकार अपना सारा दिन काम करता रहता है और फिर भी हम उसके कार्य के अनुरूप उसकी मजदूरी उसे नहीं प्रदान करते
यदि कोई अनाथ व्यक्ति या कोई विधवा स्त्री रात भर बैठ कर किसी कपड़े को सिलता है और बस कपड़े सिलते सिलते थक जाता है लेकिन उसे रुपयों की इतनी आवश्यकता होती है कि वह सोता नहीं है और ऐसा होता है कि वहां उसे सील कर ही चैन की सांस लेता है तो यह बात उस के अटूट परिश्रम को दर्शाती है तो हम यहां कहते हैं कि ऐसे परिश्रम की मजदूरी थोड़े से पैसे देकर कैसे चुकाई जा सकती है वास्तव में ऐसा परिश्रम तो प्रार्थना स्वरूप होता है जो किसी नवाज या पूजा से कम नहीं
मनुष्य के द्वारा बनाई गई किसी भी वस्तु में उसके प्रेम और पवित्र आत्मा बसती है और जिस हाथ से परिश्रम किया जाता है उसमें एक अद्भुत रहस्य होता है और उसका जीवन व्यतीत होता है और अपने संपूर्ण हृदय का प्रेम रहता है और उसमें एक क्रांति होती है मन की पवित्रता रहती है इस प्रकार लेखक ने मजदूरी और कला को प्रदर्शित करते हुए कहा है कि मशीनों का प्रयोग भक्त सेना है और वहां मजदूरों की मजदूरी मिलती है इसीलिए लेखक ने इस निबंध में मशीनों के स्थान पर मजदूरों के हाथ से काम कराने के लिए कहा है क्योंकि कभी को ऐसा लगता है कि मशीनें आदमी को निकम्मा बना देती है और अपने हाथ से काम करने से वह सदैव ही परिश्रमी रहता है
इस निबंध में कभी मजदूरी और फकीरी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि मानव के विकास के लिए परिश्रम परम आवश्यक है बिना परिश्रम किए आगे नहीं बढ़ा जा सकता और इस प्रकार फकीरी जो है व्यर्थ है जिसमें बुद्धि शिथिल पड़ जाती है कभी कहते हैं कि किसी का भी भीख भीख मांगना उचित नहीं है सभी ने परिश्रम करके ही खाना चाहिए
प्रश्न- हिंदी कहानी का विकास क्रम को समझाते हुए कहानी के तत्वों का विश्लेषण कीजिए
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