Mono Sound, Stereo Sound, Sound Channel And Sound Effect Notes in Hindi | Importance Of Sound in Multimedia in Hindi | मल्टीमीडिया में ध्वनि का महत्व | मोनो और स्टीरियो ध्वनि की संकल्पना की व्याख्या | Mono And Stereo Sound Difference in Hindi | स्टीरियो साउंड क्या है | Sound Effect Channel | Sound Channel And Sound Effect in Hindi |
Mono and Stereo Sound in Hindi Notes
मोनो ध्वनि/Mono Sound :-
मोनो साउंड एक सिंगर ऑडियो चैनल मैं होता है जिसमें अक्सर ध्वनि को क्षेत्र में केंद्रित किया जाता है इसमें आउटपुट सिंगल चैनल होने की वजह से एक समान होता है यदि दो स्पीकर लगे हुए हैं तो दोनों स्पीकर में समान सिग्नल प्राप्त होते हैं क्योंकि दोनों में सिग्नल एक ही चैनल के द्वारा पहुंचाया जाता है जिससे कि सिग्नल एक मुख्य बिंदु से या केंद्र बिंदु से उत्पन्न होता हुआ आभास होता है।
Mono Sound, Stereo Sound, Sound Channel And Sound Effect Notes in Hindi
उदाहरण के लिए –
सामान्य हेडफोन के दोनों स्पीकर में हमें एक समान आवाज आती है वह साउंड मोनो साउंड होता है।
स्टीरियो ध्वनि/Stereo Sound :-
स्टीरियो साउंड दो-दो ऑडियो चैनल का उपयोग करके ध्वनि का पुनर उत्पादन करता है जो विभिन्न दिशाओं से आने वाली ध्वनि के समान होता है जैसे कि प्राकृतिक आवाज मैं एक साथ कई सारी आवाजें सुनाई देती है उन आवाजों को सुनकर हम अनुमान लगा सकते हैं कि यह किस दिशा से आ रही है।
Stereo (स्टीरियो) ध्वनि वह होती है जो कि हमें अलग-अलग कई स्त्रोतों से आती हुई प्रतीत होती है अर्थात विभिन्न दिशाओं से आने वाली ध्वनि का भ्रम उत्पन्न किया जाता है इसमें विभिन्न ऑडियो चैनल के माध्यम से ऑडियो सिग्नल को डिजाइन और रिकॉर्ड किया जाता है जिससे कि मनुष्य उस संयुक्त ऑडियो सिग्नल की व्याख्या किसी विशेष ध्वनि के रूप में किसी स्थान से कर सके।
उदाहरण के लिए –
मूवी थिएटर में अलग-अलग स्पीकर से अलग-अलग आवाज आती है क्योंकि वह सभी स्पीकर अलग-अलग ऑडियो चैनल से जुड़े होते हैं यह Stereo साउंड का उदाहरण है।
स्टीरियो हेडफोन वह हेडफोन जिसमें दोनों स्पीकर में अलग-अलग आवाजे आती है उन्हें स्टीरियो हेडफोन कहा जाता है।
स्टीरियो साउंड और मोनो साउंड में अंतर/ –
मोनो साउंड | स्टीरियो साउंड |
1. इसे आसानी से रिकॉर्ड किया जा सकता है इसमें कोई विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है | 1. इसे रिकॉर्ड करने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है जो कि बिना तकनीकी ज्ञान के रिकॉर्ड नहीं किया जा सकता जिसमें हम वस्तुओं की प्रत्यक्ष स्थिति का पता लगा सकते हैं। |
2. इस प्रकार के साउंड का उपयोग सामान्यतः रेडियो, टेलीफोन, मोबाइल जैसे जगह पर होता है। | 2. इसका प्रयोग 2 चैनल वाले ऑडियो में जैसे कि थिएटर में किया जाता है। |
3. इस साउंड रिकॉर्डिंग करने के लिए या सुनने के लिए उपकरण कम महंगे आते हैं। | 3. इसमें साउंड रिकॉर्डिंग और सुनने वाले उपकरण अधिक महंगे होते हैं। |
4. इसमें ध्वनि या साउंड सिंगल चैनल में प्रजनन होते हैं जोकि एक स्थान से आती हुई ध्वनि के समान होता है। | 4. इसमें साउंड या ध्वनि मल्टी चैनल में प्रजनन होते हैं जो कि हमें अलग-अलग दिशा से आती हुई ध्वनि के समान भ्रम की स्थिति बनाते हैं। |
5. इसे स्टोर करने के लिए कम स्पेस की आवश्यकता होती है। | 5. इसे स्टोर करने के लिए मोनो साउंड से दोगुना स्पेस की आवश्यकता होती है। |
6. इसेमें सभी ऑडियो सिग्नल को एक साथ में मिलाकर एक ही ऑडियो चैनल से भेजा जाता है। | 6. इसमें सभी ऑडियो सिग्नल के लिए एक अलग चैनल होता है। |
साउंड चैनल और साउंड इफेक्ट/Sound Channel And Sound Effect –
Sound (साउंड) चैनल स्पीकरो का समूह है जिसमें दो स्पीकरए 3 स्पीकरए 4 स्पीकर या 5 स्पीकर होता है उन्हें साउंड चैनल के नाम से जानते हैं।
साउंड चैनल के प्रकार :-
मोनो साउंड/Mono Sound :- इसमें एक ही चैनल मौजूद होता है जोकि लेफ्ट और राइट दोनों ही स्पीकर में एक समान आवाज सुनाई देती है इसका उपयोग सामान्यता रेडियो टेलीफोन मोबाइल में किया जाता है।
स्टीरियो साउंड/Stereo Sound :- इसमें 2 चैनल का उपयोग किया जाता है जिससे कि लेफ्ट और राइट में अलग-अलग आवाजें सुनाई देती है इस टाइप के चैनल का उपयोग थिएटरए गेम्स और रेडियो स्टेशन में किया जाता है।
2.1 साउंड :- इस चैनल का उपयोग सामान्यता घरों में किया जाता है यह एक सामान्य स्पीकर ही होते हैं जिसमें एक सबवूफर होता है जिसके द्वारा बेस दिया जाता है।
4.0 साउंड :- इसमें चार चैनलों का यूज़ किया जाता है साथ ही 4 स्पीकर भी होते हैं जो चारों अलग-अलग दिशा में लगे होते हैं जिससे कि हमें चारों ओर से आवाज आती हुई प्रतीत होती है। इस टाइप के चैनलों का उपयोग पहले थिएटर में किया जाता था।
5.1 साउंड :- इसमें 6 चैनलों का उपयोग किया जाता है जिसमें की 5 स्पीकर मौजूद होते हैं और एक सबवूफर होता है जोकि बेस का कार्य करता है जोकि घरों के होम थिएटर में किया जाता है।
7.1 साउंड :- इसमें 8 चैनलों का उपयोग किया जाता है जिसमें की 7 स्पीकर लगे होते हैं और एक सबवूफर होता है जिसका कार्य हमेशा ही बेस बनाने का होता है इसका उपयोग बड़े क्षेत्र में किया जाता है जैसे कि DJ ।
Sound Effect
साउंड इफेक्ट/Sound Effect :- साउंड इफेक्ट एक प्रकार का कृत्रिम साउंड होता है जो कि मनुष्य की आवाज को Enhance करता है साउंड इफेक्ट का उपयोग एनिमेशन, संगीत, टेलीविजन शो, फिल्में, वीडियो गेम इत्यादि में इफेक्ट डालने के लिए साउंड इफेक्ट का यूज करते हैं।
साउंड इफेक्ट की टेक्निक/Techniques of Sound Effects :-
सिंथेसाइजर/Synthesizer :- किसी भी Sound को उत्पन्न करने या बनाने के लिए सिंथेसाइजर का उपयोग किया जाता है जैसे कि हमें ढोलक की आवाज या प्यानो की आवाज या अन्य कोई भी आवाज बनानी हो तो हमें सिंथेसाइजर की आवश्यकता होती है।
3D ऑडियो इफेक्ट/3d Audio Effects :- इसके द्वारा साउंड को 3D इफेक्ट दिया जाता है।
इको/Echo :- जब हमें किसी आवाज को गूंजती हुई आवाज में परिवर्तित करना होता है तो एको इफेक्ट का यूज किया जाता है।
फिल्टरिंग/Filtering :- इस इफ़ेक्ट के द्वारा हम किसी भी फ्रीक्वेंसी रेंज को लो पास, हाई पास, बैंड पास जैसे फिल्टर डालने के लिए उपयोग कर सकते हैं उदाहरण के लिए टेलीफोन।
रोबोट वॉइस इफेक्ट/Robot Voice Effect :- इस इफ़ेक्ट का उपयोग करके हम कोई भी सामान्य आवाज को रोबोटिक आवाज में परिवर्तित कर सकते हैं।
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