विषाणु क्या है इसके प्रकार लक्षण एवं रोग | Virus kya hai Iske Prakar Rog Avn Lakshan | वायरस किसे कहते हैं | Virus Kise Kahate Hain Usake Prakar AVN Lakshan | विषाणु जनित रोग कौन कौन से हैं | विषाणु के लक्षण | Vishanu ke Lakshan |
वायरस क्या है इसके खोजकर्ता प्रकार रोग एवं लक्षण |
विषाणु
खोजकर्ता :- एडवर्ड जेनर
सन :- 1716
विषाणुओं का अध्ययन :- वायरोलॉजी
विषाणु की परिभाषा :- विषाणु एक प्रकार के अकोशिकीय और अति सूक्ष्मजीव होते हैं यहां जीवित कोशिका में ही जीवित रह सकते हैं और वृद्धि करते हैं विषाणु का निर्माण प्रोटीन और नाभिकीय अम्ल से मिलकर होता है।
कोशिकाओं में विषाणु जीवित रहते हैं लेकिन शरीर के बाहर यह मृत अवस्था में पाए जाते हैं या मृत होते हैं लेकिन जैसे ही यह शरीर में प्रवेश करते हैं जीवित हो जाते है।
विषाणु का प्रजनन :- विषाणु गुणन विधि के अनुरूप अपना प्रजनन करते हैं।
वायरस से लाभ और हानि दोनों ही होते हैं कुछ वायरस हमें अन्य विषाणु को मारकर हमें सुरक्षा प्रदान करते हैं तो कुछ हमें क्षति भी पहुंचाते हैं।
विषाणु क्या है इसके प्रकार लक्षण एवं रोग
विषाणु के प्रकार :-
Virus (विषाणु) प्रकृति के अनुरूप मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं
- जंतु विषाणु
- पादप विषाणु
- जीवाणु भोजी विषाणु
जंतु विषाणु :- जंतु विषाणु मैं न्यूक्लिक अम्ल आर एन ए होता है और कभी कभी डीएनए भी होता है
यहां विषाणु मुख्यतः प्रतिरक्षा तंत्र को क्षति पहुंचाता है।
उदाहरण के लिए :-
इनफ्लुएंजा वायरस, मंप्स वायरस, एड्स इसके द्वारा होने वाले रोग है।
पादप विषाणु :- पादप विषाणु में न्यूक्लिक अम्ल आर्य ने मौजूद होता है यह एक खोखले बेलन या छड़ के समान होते हैं
उदाहरण के लिए :-
टीएमवी ।
जीवाणु भोजी विषाणु :- जीवाणु भोजी विषाणु इस प्रकार के विषाणु केवल और केवल जीवाणु पर ही निर्भर रहते हैं इसमें न्यूक्लिक अम्ल के रूप में डीएनए मौजूद होता है यहां वायरस या विषाणु भारत की पवित्र नदी गंगा नदी में पाया जाता है।
उदाहरण के लिए :-
टी-2 पेज
वायरस से होने वाले लाभ :-
- पानी को खराब होने से बचाता है।
- नीले हरे शैवाल को साफ करने में मदद करता है।
- जैव विकास के अध्ययन में इसका उपयोग किया जाता वायरस में सजीव और निर्जीव दोनों के गुण मौजूद होते हैं।
वायरस से होने वाली हानि :-
- इससे पौधे में अनेक प्रकार के रोग होते हैं।
- आलू और तंबाकू में मोजेक रोग इसी कारण से होता है।
- जीवो में कई प्रकार के रोग चेचक रेबीज खसरा पोलियो जैसे अनेकों रोग वायरस के कारण होते हैं।
Virus kya hai Iske Prakar Rog Avn Lakshan
वायरस या विषाणु से होने वाले रोगों के नाम :-
- इनफ्लुएंजा :-
प्रभावित अंग – स्वसन तंत्र
वायरस का नाम – ऑर्थो मिक्सो वायरस
लक्षण – सर दर्द, जुकाम, खांसी, बुखार, आंख और नाक से पानी बहना, शरीर में बेचैनी महसूस होना यह सभी लक्षण इनफ्लुएंजा वायरस के होते हैं।
- पोलियो :-
प्रभावित अंग – तंत्रिका तंत्र
वायरस का नाम – पोलियो वायरस
लक्षण – बुखार आना शरीर में दर्द हाथ की कोशिकाओं का नष्ट होना यह लक्षण पोलियो ग्रसित व्यक्तियों में होते हैं।
- खसरा :-
प्रभावित अंग – पूरे शरीर में
वायरस का नाम – पैरामिक्स वायरस
लक्षण – शरीर में छोटे-छोटे दाने निकलना सिर दर्द हल्का जुकाम आंख नाक से पानी आना गले और नाक पर सूजन आ जाना यह सभी खसरा के लक्षण है।
- गलसुआ :- प्रभावित अंग – लार ग्रंथियां ।
- पीत ज्वर :- वायरस का नाम – अरबों वायरस ।
- हरपीज रोग :- प्रभावित अंग – त्वचा , वायरस का नाम – हरपीज वायरस ।
- डेंगू ज्वर :- प्रभावित अंग – आग और शरीर के जोड़ ।
- मेनिनजाइटिस :- प्रभावित अंग – मस्तिष्क ।
- रेबीज :- प्रभावित अंग – तंत्रिका तंत्र , वायरस का नाम – रेडो वायरस ।
- हेपेटाइटिस :- प्रभावित अंग -यकृत ।
जीवाणु और विषाणु से होने वाले रोग एवं लक्षण | Vishanu Jivanu se hone wale Rog
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