केशव दास का जीवन परिचय | Keshavdas Biography in Hindi | keshavdas ka jivan Parichay | Keshavdas ki rachnaye | kathin kavy ka pret केशव दास के दोहे | रचना राम वंदना किस वर्ग के कवि है
जीवन परिचय- केशवदास का जन्म 1555 मध्य प्रदेश के ओरछा में हुआ था तथा मृत्यु 1617 यह उच्च कोटि के महान विद्वान कहलाते हैं हिंदी में इन्होंने संस्कृत के शब्दों का भी प्रयोग किया तथा इसकी परंपरा को अपनाया जिसमें उन्हें दरबारी कवि भी कहा जाता है |
केशव दास जी को ओरछा के महाराजा ने उनके दरबार में अत्यंत आदर के साथ सम्मानित किया केशव दास जी की कविता अत्यधिक प्रभाव पूर्ण होने के कारण इन्हें कठिन काव्य का प्रेत भी बोला गया है और इन्हें संस्कृत काव्य का महान कवि माना गया है|
केशवदास साहित्य सेवा
साहित्य सेवा- केशव दास जी ने उनकी रचना में रीति ग्रंथों का रूप दर्शाया है जिसमें उन्होंने ग्रंथों का समग्र वर्णन व्यवस्था पूर्वक किया है केशवदास जी ही एकमात्र ऐसे कवि है|
केशव दास का जीवन परिचय | Keshavdas Biography in Hindi 2021
केशवदास रीति ग्रंथ की रचना की उनकी कविता में मानव जीवन का संक्षिप्त तथा भाव पूर्ण व्यवहार मिलता है केशवदास ने उनके प्रसंगों का वर्णन अपनी रचना में किया है|
केशव को कठिन काव्य का प्रेत किस आलोचक ने कहा है
keshavdas को कठिन काव्य का प्रेत आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने कहा है केशवदास को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है क्योंकि केशवदास अलंकार संप्रदाय वादी कवि थे इनके कुछ आलोचक कवि ने इन्हें हृदय हीन कवि भी कहा है केशवदास की कविता का अर्थ आसानी से समझ में नहीं आता है |
Keshav रीतिकाल के किस वर्ग के कवि है
किशव को रीतिकाल का कभी कहा जाता था यह कवियत्री के प्रमुख स्तंभ कहलाते थे जिन की काव्य रचना संस्कृत भाषा में होती थी
केशवदास के दोहे / केशवदास की कविताएं
keshavdas की राम वंदना
केशवदास के द्वारा रचित वंदना
केशव को कठिन काव्य का प्रेत क्यों कहा जाता था
केशव को कठिन काव्य का प्रेत कहा जाता है क्योंकि उनके काव्य बहुत कठिन हुआ करते थे और यह समझना कठिन होता था और हर कोई इनके काव्य को नहीं समझ पाता था|
केशवदास को कठिन काव्य का प्रेत इसलिए कहा जाता था क्योंकि केशवदास एक अलंकार कवि थे और इनके लिखे गए कविताएं और कोई भी रचनाएं को समझना हर किसी के लिए आसान नहीं थी|
केशव दास भावना विश्वास तथा श्रद्धा के गुणों से परिपूर्ण है केशव दास जी का व्यवहार स्नेह पूर्वक है उनके जीवन में भी बहुत से उतार-चढ़ाव आए तथा जीवन के मूल्यों का वर्णन किया और मानव के जीवन मूल्यों को समझा था उनका निवारण किया उन्होंने अपने काव्य में मनुष्य के लक्ष्यों पर विस्तार पूर्वक कविता लिखि |
केशव दास जी ने बताया कि मानव को अपने लक्ष्यों के प्रति सदैव जागरूकता की भावना रखनी चाहिए उन्होंने आदि काल में मानव के मूल्यों का वर्णन बहुत से रूपों में किया है यह सभी रूप आधुनिक काल में भी देखने को मिलते हैं |
इन्हीं मूल्यों के आधार पर उन्होंने अपनी कविताओं को भी लिखा तथा उन सभी कविताओं के माध्यम से बताया कि मानव जीवन के बहुत से पक्ष होते हैं जिनमें उनके पात्रों का व्यक्तिगत चरित्र चित्रण हुआ है उनकी रचना रामचंद्रिका में मानव प्रसंग तथा जीवन के अनेक रूपों को अभिव्यक्त किया और उनके व्यवहारों का भी वर्णन रामचंद्रिका में मिलता है |
केशवदास की रचनाएं
रचनाएं- केशवदास की प्रमुख रचना रामचंद्रिका,रत्न बावनी,कविप्रिया,रसिकप्रिया,विज्ञान गीता,जहांगीर चंद्रिका आदि है जिसमें से केशव दास जी की चार अत्यधिक महत्वपूर्ण रचनाएं है|
केशवदास जी ने रामचंद्रिका की रचना तुलसीदास जी की सलाह से की तथा यह रचना महाकाव्य के नाम से जानी जाती है उनकी रचना में प्रबंध तथा मुक्तक काव्य का भी सहयोग मिलता है केशवदास जी के दो लक्षण ग्रंथ है जिनका नाम कवि प्रिया तथा रसिकप्रिया है|
केशवदास भाव पक्ष
भाव पक्ष -केशव दास ने प्रमुख रूप से अपनी रचना में श्रृंगार रस का प्रयोग किया है उनकी रचना में प्राय: सभी रसों का वर्णन मिलता है जिसमें उन्होंने सभी अंगो का सहयोग पूर्ण रूप से वर्णन किया है केशव दास जी ने अपने पात्रों में नीति तत्वों का भी प्रयोग किया है और उनके संवादों में वीर रस की भी प्रधानता होती है|
केशवदास कला पक्ष
कला पक्ष- केशवदास ने अपनी भाषा में संस्कृत के शब्दों का भी प्रयोग किया है तथा ब्रजभाषा को भी अपनाया है उनकी रचनाओं में बहुत से ऐसे गुणों का समावेश मिलता है जिसमें उन्होंने काव्य ग्रंथों की रचना की उनकी शैली व्यंग्यात्मक है|
केशव ने अपनी रचना में अलंकार शैली को उचित स्थान पर रखा है और प्रबंध तथा मुक्तक शैली का भी प्रयोग किया है |
केशव दास साहित्य में स्थान
साहित्य में स्थान -केशवदास उच्च कोटि के रसिक कवि कहलाते हैं उनकी रचनाओं में प्रमुख रूप से शास्त्रीय गुणों का प्रयोग हुआ है केशव दास के लक्षण ग्रंथों में उनका नाम सदैव अमर है राष्ट्रवादी प्रतिभा से परिपूर्ण केशव दास जी का हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है |
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